5 Simple Statements About Shiv chaisa Explained
5 Simple Statements About Shiv chaisa Explained
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कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
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ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि more info होई॥
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
गले लगा कर मुझ से बोला, मैं हूँ तेरा रखवाला॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
अस्तुति shiv chalisa in hindi चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा किया